पिछले 11 वर्षों से विद्यालयों में शिक्षक के रूप में सेवा दे रहे नियोजित शिक्षक स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति के लिए तरस रहे है।
जबकि इस मामले में सरकार द्वारा कई बार दिशा निर्देश दिये जा चुके है इसके बावजूद जिला स्तर पर पदाधिकारी ऐसे किसी भी आदेश
की जानकारी नहीं होने की बात कह कर मामले को टालते दिख रहे है।
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक नियोजन नियमावली(सेवा व शर्त) 2012 के कंडिका के अनुसार नियोजित शिक्षकों को भी स्नातक ग्रेड व मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापपद पर प्रोन्नति देय है।
कंडिका की उपधारा दो के अनुसार स्नातक स्तर की योग्यता प्राप्त बेसिक ग्रेड के उन शिक्षकों को इस प्रोन्नति का लाभ मिलेगा, जिनकी बेसिक ग्रेड में आठ वर्षों की सेवा संतोषजनक रूप पूर्ण हो चुकी है।
इस काल की गणना एक जुलाई 2006 से की जायेगी इस कारण से 2006 से पदस्थापित नियोजित शिक्षकों को ही इसका लाभ मिलेगा
प्रोन्नति हेतु जिला स्तर पर आकलित रिक्तियों में नियमित शिक्षकों व नियोजित शिक्षकों के बीच सीट बंटवारे की स्थिति से अवगत होने हेतु जब जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना किशनगंज दीपक झा से संपर्क साधा गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नियोजित को प्रोन्नति नहीं दिया जाना है।
इस पर जब उनका ध्यान नियोजन नियमावली 2012 में प्रोन्नति हेतु उल्लेखित नियम पर खिंचा गया तो उन्होंने कहा कि अब तक इस संबंध में विभागीय आदेश प्राप्त नहीं है।
आपको बता दे कि नियमावली के निर्गत तिथि 02/04/2012 से अबतक किशनगंज जिले के प्रारंभिक नियोजित शिक्षकों को प्रोन्नतिदिया जाने का मामला लंबित है।
जबकि उक्त नियमावली के निर्गत तिथि से लेकर अबतक नियमित शिक्षकों को दो बार स्नातक व उत्तर स्नातक पदों पर क्रमशः नवंबर 2012और अप्रैल 2017 में प्रोन्नति दी जा चुकी है।
वहीं नियमित शिक्षक लगातार तीसरी बार प्रोन्नति पाने की राह पर है लेकिन नियोजित शिक्षकों के प्रोन्नति की बात जैसे ही पदाधिकारी से की गयी मामले को सिरे से ही नकार दिया गया ।
बताते चले 2018 के जुलाई माह में एक बार पुन: प्रोन्नति देने के लिए नियमित शिक्षकों से दावा-आपति प्राप्त की जा चुकी है जो जिला प्रोन्नति समिति के विचाराधीन है।
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