राज्य ब्यूरोपटना :
राज्य के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल चुस्त दुरुस्त करने के इरादे से सरकार ने बड़ा फैसला किया है।
20 अगस्त को मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि अब प्रत्येक सप्ताह सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण होगा।
निरीक्षण की तिथि और स्कूल का नाम गुप्त रखा जाएगा, ताकि
स्कूल पहले से चौकन्ने ना हो सकें।
आपपको बता दे कि 16 अगस्त को सरकार ने गुपचुप तरीके से तकरीबन तीन सौ माध्यमिक स्कूल और कस्तूरबा विद्यालयों का निरीक्षण कराया।
स्कूल की जानकारी के बगैर शिक्षा अधिकारियों की टीम ने एक ही समय में अलगअलग स्कूलों में जांच को पहुंची।
सूत्रों की माने तो इस दौरान तमाम स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति महज 24 फीसद ही मिली।
निरीक्षण में अलगअलग स्कूलों में पचास से अधिक शिक्षक बगैर
सूचना नदारद पाए गए।
मुख्यसचिव को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 20 अगस्त
को यह रिपोर्ट सौंपी और मुख्यसचिव को यह जानकारी भी दी गई कि कस्तूरबा विद्यालयों में गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के तकरीबन 47 फीसद पद भी रिक्त हैं।
इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए मुख्यसचिव ने सेवा से नदारद शिक्षकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए साथ ही जिस स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कम पाई गई है उस स्कूल के प्रधानाध्यापक पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इसी क्रम में उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि
स्कूलों के औचक निरीक्षण की साप्ताहिक व्यवस्था प्रभावी बनाई जाए।
इसी कारण से अब विभाग के अधिकारी सप्ताह में किसी भी एक दिन औचक निरीक्षण को निकल सकते है स्कूलों का चयन रैडम तरीके से होगा और इसकी सूचना गुप्त रखी जाएगी।
अधिकारियों को सख्त हिंदायत दी गई कि यह कार्य इसी सप्ताह
से प्रारंभ हो जाए और औचक निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उसी दिन शाम तक मुख्यसचिव और शिक्षा के प्रधान सचिव
को मुहैया करा दी जाए।
मुख्यसचिव ने कस्तूरबा विद्यालयों को शीघ्र ही सीसीटीवी
और बायोमीट्रिक अटेंडेंस से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
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बैठक में कशिक्षा सचिव बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक,
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के साथ ही जनशिक्षा के पदाधिकारी भी मौजूद थे।
तो शिक्षको से आग्रह है कि आप बिलकुल समय पर स्कूल जाए और समय पर ही स्कूल से घर आए ।
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