राज्य में कार्यरत सभी टोला सेवक एवं तालीमी मरकज शिक्षा स्वयंसेवी का नाम समरूप करते हुए अब टोला सेवक को शिक्षा सेवक तथा तालीमी मरकज में काम करने वाले कर्मियों को शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) पदनाम निर्धारित किया जाता है।
कार्यरत शिक्षा सेवक एवं शिक्षा सेवक (तालीमी मरकजकी कार्यावधि प्रातः 8.00 बजे से अपराह्न 400 बजे तक की होगी।
विद्यालयों के प्रात: कालीन होने से तद्नुरूप समय में परिवर्तन होगा।
सेवाकाल में मृत होने पर शिक्षा स्वयंसेवक, शिक्षा स्वयंसेवक (तालीमी मरकज) के आश्रित को
एकमुश्त 04 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जाता है।
आपको बता दे कि वर्तमान में इसकी स्वीकृति राज्य
स्तर से की जाती है, जिसके कारण भुगतान में विलम्ब होता है।
इसलिए इस प्रक्रिया में सुधार करते हुए राशि स्वीकृति का अधिकार जिला को दिया जाता है ।
कर्मी की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने के 15 दिनों के अन्दर उन्हें खाते के माध्यम से राशि प्राप्त कराने का
दायित्व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) का होगा।
वे के0आर0पी0 की मदद से अपेक्षित सभी कागज प्राप्त कर जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुमोदन से एक पक्ष के अन्तर्गत अनुग्रह राशि आश्रित के खाते में अनिवार्यतः उपलब्ध करा देंगे।
यह भुगतान जिले में उपलब्ध महादलितदलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के खाते में उपलब्ध राशि से किया जायेगा और इसकी प्रतिपूर्ति निदेशालय के द्वारा जिले को की जायेगी।
अनुग्रह अनुदान के भुगतान में नियमों का पालनपूर्ण पारदर्शिता तथा एक पक्ष में भुगतान सुनिश्चित करने का दायित्व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) का होगा।
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