कपिल सिब्बल जी ने जज साहब के सामने अपनी बातों को एक-एक करके रखना शुरू किया।
कपिल जी ने कहा कि जिला संवर्ग के शिक्षको को जबरन डाइंग कैडर कहा जा रहा है,यह शिक्षको का शोषण करने के लिए उतपन्न किया गया बहाना है।,
नियोजित शिक्षकों और जिला संवर्ग के शिक्षको की योग्यता एवं कार्यावधि समान है इसलिये दोनों समान वेतन के हकदार हैं।
सिब्बल जी मे कोर्ट को बताया कि जिला संवर्ग के शिक्षक डाइंग कैडर नहीं हैं। हाई स्कूल एव अन्य विद्यालयों मे बिहार सरकार नियमित बहाली जारी रखी है।
डाईंग कैडर तो नियोजित शिक्षक हैं क्योंकि प्रत्येक वर्ष सैकड़ों शिक्षक वेतन भुगतान नहीं मिलने के कारण मृत्यु प्राप्त किये हैं। समाचार पत्रों में छपी खबरें देखी जा सकती है।
सिब्बल जी ने कोर्ट को बताया कि सरकार के पास बजट नहीं है तो साढ़े 5 लाख कंट्रैक्ट कर्मियों को नियमित करने के लिए पैसा कहाँ से आया। बिहार सरकार कर रही नियोजित शिक्षकों को जानबूझकर परेशान।
कपिल सिब्बल साहब ने कोर्ट को बताया, केंद्र से जो शिक्षक के लिए वेतन आता है वह बिहार सरकार दुसरे मद में खर्च करती है।
आपको बता दे कि आज का पूरा समय सरकार के द्वारा पेश किए गए तथ्यों को गलत बताने और सही क्या है ये कोर्ट को बताने में ही खत्म हो गया ।
हमेशा की तरह फिर से एक बार सुप्रिमकोर्ट ने 21 तारीख को अगली सुनवाई घोषित कर दिया।
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