जैसा कि आप सभी जानते हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट में 12 जुलाई की सुनवाई के बाद माननीय जजों द्वारा 31 जुलाई को समान काम समान वेतन पर अंतिम सुनवाई की तारीख तय की गई है।
केंद्र एवं बिहार सरकार ने धोखे से एक सोची समझी साजिश के तहत सुनवाई से ठीक 1 दिन पहले संध्या को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी ,जिस रिपोर्ट को अच्छे से अध्ययन करने का मौका ना ही माननीय जजों को मिला और ना ही केविएटरो को।
इसके उपरांत माननीय जजों द्वारा सभी केवीएटरो को अच्छे से रिपोर्ट का अध्ययन कर काउंटर एफिडेविट करने की सलाह देते हुए, यह कहा कि अगर आप में से कोई काउंटर एफिडेविट इस रिपोर्ट के आधार पर करना चाहते हैं तो 31 जुलाई से पहले कर सकते हैं ।
आप को बता दे कि संगठन यह समझना चाहती थी कि यह काउंटर एफिडेविट कितना महत्वपूर्ण है बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन के पक्ष में।
और इसी मद में संगठन ने वरीय अधिवक्ता पी के शाही जी से मुलाकात की एवं महत्वपूर्ण सुझाव एवं आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया।
संगठन ने बताया कि P .K .साही जी ने काउंटर एफिडेविट के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए ,इन सुझावों को संगठन के केवीएटर केशव कुमार जी माननीय सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे ,जिससे हम बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों का केस सुप्रीम कोर्ट में और मजबूत हो और हमें समान काम समान वेतन मिले।
संगठन ने कहा कि ज बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों की जीत के लिए हमारे संघ के पदाधिकारी लगातार दिन -रात मेहनत कर रहे हैं । इस मेहनत को परिणाम समान काम समान वेतन में बदलना यही एक मात्र लक्ष्य हमारे प्रदेश अध्यक्ष पुराण कुमार जी का है।
आपको बता दे कि पटना उच्च न्यायालय से बिहार के नियोजित शिक्षको को जो समान काम समान वेतन का न्यायादेश मिला था उसमें वरीय अधिवक्ता पी के शाही जी की भूमिका सबसे प्रमुख रही थी ।
उन्होंने जोरदार तरीके से बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों का पक्ष पटना उच्च न्यायालय में रखा और अपने तर्कों के आधार पर सरकारी वकीलों को कोर्ट में परास्त करने का काम किया। जिसका परिणाम स्वरुप हमें पटना उच्च न्यायालय से समान काम समान वेतन का न्यायादेश मिला ।
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