शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

बिहार के युवाओं को बिहार सरकार दे रही है 12000 रुपए भत्ता। देखिए यह रिपोर्ट

 


बिहार की राज्य सरकार बेरोजगारों के लिए कई स्कीमें चलाती हैं । जिसमें से एक बेरोजगारी भत्ता योजना है इस के तहत 10वीं और 12वीं पास बेरोजगारों को सालाना 12 हजार रुपये भत्ता दियाजाता है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाना है।इस योजना का लाभ तब तक मिलता है जब तक कि उनकी नौकरी नहीं लग जाती। खास बात ये है कि ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके बेरोजगारों को भी इसका लाभ उठा सकते हैं। 

बेरोजगारी भत्ता के लिए आपके पास अकाउंट डिटेल, पासपोर्ट साइज फोटो, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट होना जरूरी है। बिहार बेरोजगारी भत्ता योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले शिक्षा विभाग, योजना एवं विकास विभाग एवं श्रम संसाधन विभाग की ऑफिशअल वेबसाइट https://www.|nishchay-yuvaupmission. bihar.gov.in/ पर जाएं होम पेज पर न्यू एप्लीकेशन रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन दिखेगा इस पर क्लिक करें। और मांगी गई सारी जानकारी ध्यानपूर्वक भर दें। इसके बाद सेंड ओटीपी पर क्लिक करें। बॉक्स में ओटी पी भरने के बाद सबमिट कर दें। इसके बाद मिले यूजर नेम और पासवर्ड से लॉगिन कर लें जहां बिहार बेरोजगार भत्ता का फॉर्म खुलकर आएगा । जिसे सावधानी पूर्वक भर दें।हालांकि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं युवाओं को मिलेगा जिनके परिवार की सालाना आय 3 लाख से कम है। इसके अलावा आवेदनकर्ता की उम्र 21 साल से लेकर 35 साल के बीच की होनी चाहिए ।

सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा के बदल गए नियम। देखिए यह रिपोर्ट




सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक की वार्षिक परीक्षा का प्रश्न पत्र हर जिले का अलग-अलग होगा। जिलों के लिए प्रश्न पत्र की छपाई भी अलग-अलग की जाएगी। इस बार प्रश्न पत्र हर जिले के डायट असेसमेंट सेल तैयार करेगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अनुसार, जिलेवार प्रश्न पत्र तैयार किया जा रहा है। यदि प्रश्नपत्र लिक होने या गलत होने की बातें आएंगी तो केवल संबंधित जिले में ही परीक्षा को रद्द करना पड़ेगा। पूरे राज्य की परीक्षा पर इसका असर नहीं होगा । 

कक्षा एक से आठवीं तक के वार्षिक परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। कक्षा पांचवीं से आठवीं तक की वार्षिक परीक्षा 13 से 16 मार्च तक होंगी। वहीं कक्षा एक से चार और कक्षा छह और सातवीं तक वार्षिक परीक्षा 17 से 21 मार्च तक होगी। कक्षा एक से चार और कक्षा छठवीं, सातवीं का मूल्यांकन किया जायेगा। यानी इन कक्षाओं के छात्र को वार्षिक परीक्षा के बाद अगली कक्षा में प्रमोट किया जायेगा। वहीं पांचवीं और आठवीं में उत्तीर्ण होने के बाद ही छात्र अगली कक्षा में जाएंगे।

आपको बता दे की वार्षिक परीक्षा दो पाली में ली जायेगी। प्रथम पाली सुबह दस से 12 बजे तक व दूसरी दोपहर एक से तीन बजे तक होगी। 5वीं और 8वीं की परीक्षा के पहले दिन पहली पाली में भाषा, दूसरी में अंग्रेजी विषय की परीक्षा होगी। 14 मार्च को पहली पाली में पर्यावरण और सामाजिक विज्ञान, 15 को पहली में 8वीं के विज्ञान, दूसरी में संस्कृत व अन्य विषय की परीक्षा होगी। परीक्षा की मॉनिटरिंग के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित की जायेगी। परीक्षा का परीणाम 31 मार्च को जारी किया गया जायेगा। पटना डीईओ अमित कुमार ने बताया कि 31 मार्च को हर स्कूल में शिक्षक और अभिभावकों की बैठक बुलाई जायेगी। इस दिन विद्यार्थियों को उनका रिजल्ट दिया जायेगा। रिजल्ट में ग्रेडिंग सिस्टम होगा।


गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023

कोर्ट के आदेश से शिक्षा विभाग ने जिला वार बनाई जांच कमेटी। देखिए यह रिपोर्ट

 

पटना हाइकोर्ट ने राज्य के 2459 अनुदानित मदरसों की जांच से संबंधित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने सीतामढ़ी जिले के मदरसों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सीआईडी को 16 सप्ताह (चार माह) की मोहलत दी।आवेदक की ओर से अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि 2459 प्लस 1 कोटि के मदरसों में से प्रथम चरण में पूरे राज्य में जांचोपरांत 1128 और दूसरे चरण में 205 मदरसों को अनुदान दिया गया था। 

कोर्ट के आदेश के बाद गत 25 जनवरी को अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कीगई है। उनका कहना था कि 814 अनुदानित मदरसों की जांच के लिए जिलावार तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। बाकी की जांच का जिम्मा डीईओ को दिया गया है। सरकारी वकील का कहना था कि राज्य सरकार ने पूरे मामले में जांच की जिम्मेवारी सीआईडी को सौंप दी है। इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य के अनुदानित 2459 मदरसों की जांच का आदेश राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिया था। कोर्ट ने अल्लाउद्दीन बिस्मिल की ओर से दायरलोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इनकी जांच चार महीने में पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को शीघ्र राज्य के सभी डीएम के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने का आदेश दिया था।

 जांच पूरी होने तक 609 मदरसों को अनुदान राशि नहीं देने का आदेश भी दिया था। कोर्ट को बताया गया कि सीतामढ़ी जिले के 88 मदरसों की जांच सीआईडी कर रही है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मो. तस्नीमुर रहमान ने सीतामढ़ी जिले के सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच रिपोर्ट दी थी।

बुधवार, 15 फ़रवरी 2023

निगरानी विभाग ने प्रधानाध्यापक को किया गिरफ्तार।


जिले के पताही प्रखंड क्षेत्र के वृजबिहारी लाल निकेतन उच्च विद्यालय पट्टी बोकाने कला के प्रधानाध्यापक को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने गिरफ्तार किया है। परसौनी कपूर गांव निवासी प्रधानाध्यापक त्रिभुवन साह को टीम अपने साथ पहले मुजफ्फरपुर व पूछताछ के बाद पटना लेकर गई है। गिरफ्तार प्रधानाध्यापक ने एक जून 2015 को विद्यालय में अपना योगदान दिया था। जानकारी के अनुसार, फेनहारा थाना क्षेत्र के फेनहारा गांव निवासी पूर्व प्रधानाध्यापक मो. सफुला ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को आवेदन दिया था। उन्होंने अपने आवेदन में बताया था किवर्तमान प्रधानाध्यापक द्वारा प्रभार लेने में आनाकानी की जा रही थी। प्रभार लेने के नाम पर रुपये की मांग की जा रही थी। मो. सफुला पिछले 30 सितंबर 2020 को इसी विद्यालय से सेवानिवृत्त हो गए थे। रिटायरमेंट के साथ ही प्रभारके लेन-देन का मामला उठने लगा। कुछ लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पूर्व प्रधानाध्यापक द्वारा अपने कार्यकाल में विद्यालय विकास मद से विद्यालय के भवन निर्माण कार्य, लाइब्रेरी के सामान, बच्चों के प्रैक्टिकल लैब का सामान खर्च किया गया था। वहीं, आय-व्यय का शेड्यूल रजिस्टर मेंटेन नहीं करने के कारण वर्तमान प्रधानाध्यापक प्रभार लेने से इनकार कर रहे थे। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुनील कुमार ने घटना की पुष्टि की है। छापेमारी उनकी जानकारी में हुई है। छापेमारी के बाद प्रखंड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के सभी सरकारी संस्थानों में पदस्थापित अधिकारियों में हड़कंप का माहौल कायम हो गया है।

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023

7 साल बाद इस कार्य के लिए शिक्षकों को दिया जा रहा निर्देश





काला रंग कैसा होता है... ब्लैक बोर्ड की तरह । आयत का आकार कैसा होता है... डस्टर की तरह... । सजीव पौधे कैसे होते हैं... एकदम हरा-भरा । निर्जीव कैसे होते है.... एक दम सूखे हुए ... ऐसे उदाहरणों के जरिए बच्चों को पढ़ाना है। यानी आसपास की चीजों को उदाहरण के रूप में लाना है और बच्चों को समझाना है। इसी बात को ध्यान में रखकर गया जिले के प्राथमिक कक्षा शिक्षकों को टीएलएम यानी टीचिंग लर्निंग मटेरियल तैयार करने का निर्देश दिया गया है कौन-कौन सी - चीज बच्चों के पढ़ाई में मददगार हो सकती है। किन-किन चीजों व उदाहरणों के जरिए बच्चों को सुगमता से समझाया जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर सभी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को टीएलएम तैयार करने का निर्देश दिया गया है। करीब सात साल बाद फिर से टीएलएम पर विशेष जोर भुदिया जा रहा है।जिलाकार्यक्रम पदाधिकारी गया की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है।


पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों के लिए प्रत्येक शिक्षक अपना-अपना टीएलएम तैयार करेंगे। यह टीएलएम स्थानीय चीजों से ही तैयार होंगे. बाजार से खरीदी हुई चीजों से नहीं। फिर प्रखंड स्तर पर बेस्ट पांच से 10 टीएलएम का चयनहोगा। इसके लिए प्रखंड स्तर पर टीएलएम मेला लगाने का निर्देश जारी किया गया है। 24 फरवरी से यह मेला शुरू हो रहा है। 6 मार्च को जिला स्तरीय टीएलएम मेला का आयोजन होगा। उक्त मेला के आयोजन के लिए प्रति प्रखंड सिर्फ 10 हजार रुपये खर्च करने का निर्देश है।


कहां पर कब लगेगा मेला


 24 फरवरी- डुमरिया, इमामगंज, बांकेबाजार, आमस, गुरुआ, शेरघाटी। 25 फरवरी- डोभी, बाराचट्टी, मोहनपुर, बोधगया नगर प्रखंड और गुरारू। 27 फरवरी- परैया, टिकारी, कोंच, बेलागंज, खिजरसराय, अतरी, नीमचक बथानी। 28 फरवरी- मानपुर, मोहड़ा, वजीरगंज,  फतेहपुर, टनकुप्पा,।6 मार्च- जिला स्तरीय प्रतियोगिता


स्कूल में मिला शिक्षक का शव।





सिकटी प्रखंड के मवि पोखरिया आमगाछी के प्रथम मंजिल स्थित स्कूल के एक कमरे में 36 वर्षीय शिक्षक का पंखे से लटकता शव मिलते ही सनसनी फैल गई।मृतक गोपाल जी केसरी इसी स्कूल का शिक्षक था। वह गोपालगंज जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र स्थित अचका गांव का रहने वाला था। वह वर्ष 2014 में विद्यालय में योगदान लिया था। उनकी पत्नी अर्चना गुप्ता उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय आमगाछी बारुदह में शिक्षिका है। दोनो एक ही साथ रहते थे। इधर पंखे से शिक्षक का शव मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। सूचना पर बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर, सिकटी के दारोगा शफीक खान, पंचायत के मुखिया रमेश यादव, आमगाछी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मोहम्मद जमाल व अन्य पुलिस बल स्कूल पहुंच कर घटना की जानकारी ली। इसके बाद पुलिस ने पंचनामा बना कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्डम के लिए अररिया सदर अस्पताल भेज दिया। स्कूल के प्रधानाध्यापक शरणदेव पासवान ने बताया कि वे स्कूल के सहायक शिक्षक गोपाल जी केसरी को प्रभार देकर किचेन डिवाइस लेने बीआरसी बरदाहा गये थे। करीब एक घंटे के बाद उन्होंने गोपाल जी के मोबाइल पर पीएम पोषण योजना के लिए बच्चों की उपस्थिति जानकारी लेने के लिए उनके मोबाइल पर कई बार कॉल किया। लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।


इसके बाद दूसरे शिक्षक को कॉल कर गोपल जी द्वारा मोबाइल नहीं उठाने की बात कही। शिक्षक व बच्चे गोपाल जी को खोजने लगे। खोजने के क्रम में पहली मंजिल पर बने एक खाली कमरे में रस्सी से पंखे में लटकते शिक्षक का शव देखा। हल्ला करने पर ग्रामीण भी पहुंचे। इसके बाद गोपाल जी को नीचे उतारा गया। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इधर घटना के बारे में शिक्षकों द्वारा सिकटी थाना को जानकारी दी गई। शिक्षका पत्नी बदहवास अवस्था में स्कूल पहुंच कर शव से लिपट कर दहाड़ मार कर रोने लगी। उनके क्रंदन से उपस्थित हर कोई गमगीन हो गया था। मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। लेकिन बताया गया कि कुछ दिनों से वह डिप्रेशन का शिकार था।


गुरुवार, 9 फ़रवरी 2023

नव नियुक्त शिक्षकों के लिए सरकार का फरमान जारी।



राज्य सरकार द्वारा पारित अंतिम आदेश के आलोक में दिनांक 01.04.2019 से 19.10.2022 की अवधि में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण उत्तीर्णता तिथि से नव-नियुक्त माना जायेगा। दिनांक 07.02.2023 को आहूत विभागीय बैठक  में यह स्पष्ट किया गया है कि एनआईओस से सत्र 2017 19 में प्रशिक्षित शिक्षक जिनको प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र 31.03.2019 के बाद की तिथि यानि 22.05.2019 या उसके बाद निर्गत हुआ है उनको विभाग नव नियुक्त मानेगी। जिसके कारण  विभागीय निदेशानुसार नवनियुक्त प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण तिथि के 2 वर्ष के बाद से ही  ग्रेड पे का लाभ दिया जायेगा।

आपको बता दे की पूर्व से कार्यरत एवं 01.04.2019 के बाद प्रशिक्षिण उत्तीर्ण शिक्षक, जिन्हें माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में प्रशिक्षण उत्तीर्णता की तिथि से नवनियुक्त की श्रेणी में रखा जा रहा है उनको ग्रेड पे का लाभ किस तिथि से देय होगा यह अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। ऐसे शिक्षकों के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने विभाग से  मार्गदर्शन की मांग की है।




प्रधानाध्यापक को छोड़ शिक्षकों का हुआ सामूहिक स्थानांतरण देखिए रिपोर्ट

 


आदापुर पंचायत के शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार व प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रखंड के बेलवा पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई ने एक बैठक कर विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को छोड़ सभी सहायक शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया है। इसकी सूचना बीईओ, डीईओ व स्थानांतरित शिक्षकों के अलावा संबंधित विद्यालयों के एचएम को पत्र के माध्यम से दी गई है। नियोजन इकाई ने प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि 9 फरवरी तक स्थनांतरित शिक्षकों को विरमित कर देना है। अन्यथा शिक्षक स्वतः विरमित समझे जायेंगे। 

नियोजन इकाई ने पत्र में यह भी निर्देश दिया है कि योगदान देने वाले शिक्षकों को दो दिनो के अन्दर योगदान की सूचना अधोहस्ताक्षरी को निश्चित रूप से देनी है। ताकि उनके फरवरी माह का वेतन नव पदस्थापित विद्यालय से प्राप्त अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर ही देय हो। नियोजन इकाई के अनुसार सहायक शिक्षिका बिन्दु कुमारी को प्राथमिक विद्यालय हीरा छपरा से स्थानांतरित कर प्राथमिक विद्यालय बेलवा भेजा गया है। पूजा कुमारी को प्राथमिक विद्यालय सूढी बेलवा से प्राथमिक विद्यालय बेलवा किया गया है। 

इधर पिंकी कुमारी को प्राथमिक विद्यालय भलूअहिया से प्राथमिक विद्यालय बेलवा तथा अस्मिता नारायण को प्राथमिक विद्यालय बेलवा से प्राथमिक विद्यालय सूढी बेलवा स्थानांतरित किया गया है। म. ईर्शादुल्हा को भलूअहिया प्राथमिक विद्यालय से सूढी बेलवा व हिणा प्रवीण को प्राथमिक विद्यालय कचोरवा से सूढी बेलवा, प्रकाश पासवान को प्राथमिक विद्यालय हीरा छपरा से प्राथमिक विद्यालय सूढी बेलवा तथा मंजय कुमार को प्राथमिक विद्यालय हीरा छपरा से भलअहिया प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित किया गया है। जबकि रामपुकार सिंह को भलअहिया में हीं रहने दिया गया है। वहीं चुन्नीलाल पटेल को प्राथमिक विद्यालय कचोरवा से प्राथमिक विद्यालय भलूअहिया तथा अंजना कुमारी को हीरा छपरा प्राथमिक विद्यालय से कचोरवा भेजा गया है। इधर मंजू कुमारी श्रीवास्तव को सूढी बेलवा से कचोरवा व मो. मोजीबुल्लाह को सूढी बेलवा से कचोरवा स्थनांतरित किया गया है।

जानिए सरकार कैसे कर रही है मध्यान भोजन में बदलाव। एक रिपोर्ट




राज्य के 70,333 प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों के पोषण के लिए मध्याह्न भोजन के बर्तन बदलेंगे। इसके तहत टीन के बर्तन की जगह स्टील के बर्तन लेंगे । भोजन पकाने वाले बर्तन स्टील को होंगे । बच्चे भोजन भी करेंगे स्टील के ही बर्तन में । इस पर 109 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, जो राज्य में प्रधान मंत्री पोषण योजना के निदेशक भी हैं, ने बताया कि मार्च तक प्रधान मंत्री पोषण योजना वाले सभी 70,333 प्रारंभिक स्कूलों को स्टील के बर्तन उपलब्ध हो जायेंगे । अब तक आठ जिलों में स्टील के बर्तन उपलब्ध भी हो गये हैं। बांकी 30 जिलों में स्टील के बर्तन उपलब्ध कराये जा रहे हैं । स्कूलों को उपलब्ध कराये जाने वाले स्टील के बर्तनों की जांच आईआईटी पटना द्वारा की गयी है। 

आपको बता दे की अब तक स्कूलों को मध्याह्न भोजन के लिए टीन के बर्तन उपलब्ध थे । मध्याह्न भोजन पकाने वाले बर्तन भी टीन के और बच्चों के खाने वाले बर्तन भी टीन के थे। टीन के बर्तन में भोजन पकाने एवं टीन के बर्तन में खाने का असर भोजन की सुपाच्यता पर पड़ता है। अब स्टील के बर्तन में भोजन पकाने एवं स्टील के ही बर्तन में खाने से बच्चों का सेहत बेहतर होगा ।प्रधान मंत्री पोषण योजना केंद्र प्रायोजित है । यह योजना राज्य में पहली से 8वीं कक्षा के बच्चों के लिए 70,333 स्कूलों में चल रही है। इस योजना से राज्य में 1ली से 8वीं कक्षा के तकरीबन 1.19 करोड़ बच्चे आच्छादित हैं । योजना के तहत भोजन पकाने के लिए स्कूलों में तकरीबन 2.17 लाख रसोइये हैं ।


बच्चों को प्रतिदिन मेनू के हिसाब से भोजन परोसे जाते हैं। अलग-अलग दिन के लिए अलग-अलग मेनू हैं। सोमवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, मंगलवार को जीरा चावल और सोयाबीन व आलू की सब्जी, बुधवार को हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल, वृहस्पतिवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, शुक्रवार को पुलाव, काबुली या लाल चना का छोला, हरा सलाद, अंडा - मौसमी फल तथा हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल परोसे जाते हैं ।

शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

सातवें चरण की शिक्षक भरती में सरकार ने कर दिया बड़ा बदलाव देखे यह रिपोर्ट





राज्य सरकार सातवें चरण के तहत शिक्षकों की नियुक्ति आयोग के माध्यम से करेगी। नियुक्ति को लेकर तैयारियों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है नयी नियुक्ति नई नियमावली के आधार पर ही होगी। 7वें चरण के तहत तकरीबन सवा दो लाख शिक्षक बहाल होने हैं। इनमें 80 हजार प्रारंभिक जबकि शेष शिक्षक माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त होंगे। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने शुक्रवार को खुद ट्वीट कर 7वें चरण की बहाली प्रक्रिया जल्द आरंभ होने की जानकारी दी।


सरकार शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस लिया जाएगा। पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि प्रस्तावित नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी। अब अभ्यर्थियों को केवल एक आवेदन करना होगा। जबकि पहले एक अभ्यर्थी कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने को मजबूर होता था। शिक्षक संगठनों तथा अभ्यर्थियों ने सरकार से इस संबंध में गुहार लगाई थी। शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2020 में कई बदलाव करते हुए शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई जा रही है। इसे मंजूरी के लिए शीघ्र कैबिनेट में भेजा जाएगा। इसी  के आधार पर सातवें चरण की नियुक्ति होगी। 

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

शिक्षकों के लिए सरकार का बड़ा ऐलान। देखिए ये रिपोर्ट



नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद शिक्ष का पूरा क्षेत्र बड़े सुधारों के दौर से गुजर रहा है। इसकी बिग फॉक्स को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी पर निर्भर करती है। इसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन के लिए नए-नए मानकों पर काम हो रहा है। जिसके आधर पर उन्हें नई उड़ान भरने का रास्ता मिलेगा। मौजूदा बजट में केंद्र सरकार ने शिक्षकों के प्रशिक्षण से एक बड़ा एलान किया है। ऐसे में सभी शिक्षकों को फिर से प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनके स्कूलों का प्रदर्शन कमजोर होगा। शिक्षकों को यह प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के माध्यम से दिया जाएगा। सरकार जिसे वाईब्रेंट एक्सलेंस इंस्टीट्यूट के रूप में तैयार करने की कल्पना की गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मलता ने बुधवार को अपने बजट भाषण में शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए आरएलएएन करते हुए कहा कि शिक्षकों को यह प्रशिक्षण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जाने वाले सभी नवाचारों और मानकों के आधार पर दिया जाएगा। इसलिए ही नहीं, प्रत्येक जिला प्रशिक्षण विद्यालय विद्या समीक्षा केंद्र को डेसेटिंग केंद्र भी बनाया जाएगा। ट्रायल के तौर पर यह माडल भी तैयार किया गया है। देश में करीब 15 लाख प्रशिक्षण संस्थान ऐसे में शिक्षाल सभी पर नजर रखना चाहता है यही कारण है कि कि कि सेंसर निगरानी के लिए जिला स्तर पर तैयारी कर रही है।


रविवार, 15 जनवरी 2023

डीएम का आदेश विद्यालय का समय बदला।



विभाग के अनुसार वर्तमान में जिले में ठंड के मौसम में सुधार हो रहा है, परन्तु ठंड का मौसम और कम तापमान विशेष रूप से सुबह और शाम के समय में जारी है, जिसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसलिए जिला पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया के द्वारा दिये गये सहमति से जिले के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के सभी वर्गों की पठन-पाठन एवं शैक्षणिक गतिविधियाँ सोमवार पूर्वाहन 09:30 बजे से अपराह्न 02:30 बजे तक संचालित करने का आदेश दिया गया है। 







शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

चेहरा दिखाने पर ही बनेगी हाजिरी। सरकार कस रही है लगाम। देखिए रिपोर्ट


पंचायत से लेकर सचिवालय स्तर के सभी सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मियों को बायोमेट्रिक हाजिरी बनाना अनिवार्य होगा । इस प्रणाली के सुचारू तरीके से काम करने को लेकर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बेल्ट्रॉन, ई-कनेक्ट समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की है। इसमें निर्णय लिया गया कि बायोमेट्रिक हाजिरी से संबंधित सॉफ्टवेयर के नये संस्करण का उपयोग किया जायेगा। आने वाले समय में इस मशीन को अपग्रेड करके फेस रेकोनाइजेशन या अंगूठे की स्कैनिंग की सुविधा भी अनिवार्य रूप से बहाल करने पर विचार किया गया। 


फिलहाल इसे लेकर सभी स्तर पर विचार- विमर्श करने के लिए कहा गया है। कर्मियों की हाजिरी फेस के आधार पर बनाने की योजना पर विचार किया गया है। इन मशीनों में सॉफ्टवेयर के ऑटो या पुश अपडेशन की सुविधा मौजूद होगी। इससे यह निश्चित समय पर स्वयं अपडेट होता जायेगा। इस बैठक के दौरान कुछ विभागों के कर्मियों को आ रही समस्या पर भी  चर्चा की गयी । यह भी निर्णय लिया गया  कि अब हाजिरी की मशीन में किसी स्तर  के कर्मी की तस्वीर बिना सक्षम प्राधिकार  की अनुमति के बदली नहीं जायेगी।

बुधवार, 11 जनवरी 2023

जातीय जनगणना कर रहे शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर देखिए यह रिपोर्ट



 विभाग का कहना है की जिलों से यह सूचनाएं प्राप्त हुई है कि शिक्षकों को  अपराह्न 04:00 के बाद जातीय जनगणना का कार्य करने का निर्देश दिया गया है।लेकिन ठंढ के मौसम को देखते हुए यह उचित प्रतीत नहीं होता है। साथ ही, वर्तमान में ठंढ के कारण अधिकांश विद्यालयों में कक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। अतः जातीय जनगणना के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करने में यह भी ध्यान रखा जाए कि विद्यालय के सभी शिक्षकों को प्रतिनियुक्त नहीं किया जाए एवं जो प्रतिनियुक्त शिक्षक हैं, वे पूरे दिन की कार्यावधि में जातीय जनगणना का कार्य करें तथा इसी बीच किसी भी समय जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर लें।






जातीय जनगणना के दौरान हुई शिक्षकों की मौत।जनगणना खारिज करने के लिए याचीका दायर।



बिहार में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच 7 जनवरी से जातीय जनगणना शुरू है। लोगों की गिनती के लिए राज्य के टीचरों को लगाया गया है। कड़ाके की ठंड का सीधा असर सरकारी शिक्षकों पर पड़ रहा है। ठंड के कारण अब तक दो शिक्षकों की असमय मौत हो गयी है। जबकि एक टीचर की मृत्यु प्रशिक्षण लेने के दौरान ही हो गई थी। बताया जा रहा है इनमें एक शिक्षक मधुबनी और एक शेखपुरा जिले के हैं। जानकारी के अनुसार शेखपुरा जिले के गवय पंचायत के लोदीपुर गांव निवासी अंजनी शर्मा की मौत जाति आधारित जनगणना के कार्य के समय हुई है। 

बिहार में जातिगत जनगणना के लिए 6 जून को राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द करने की मांग को लेकर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका में बिहार में जातिगत जनगणना के लिए 6 जून को बिहार सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी गयी है। याचिका में जातिगत जनगणना के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका नालंदा के रहने वाले अखिलेश कुमार ने वकील बरुण कुमार सिन्हा के माध्यम से दायर की है।